शुक्रवार 25 अप्रैल 2025 - 08:30
शरई अहकाम । तोहफा और विरासत में मिली चीज़ बेचने पर खुमस

हौज़ा / आयतुल्लाह ख़ामनेई ने "तोहफा और विरासत में मिली चीज़ बेचने पर खुमस" से सबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा / ईरान के सुप्राम लीडर आयतुल्लाह ख़ामनेई "तोहफा और विरासत में मिली चीज़ बेचने पर खुमस" से सबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे रूची रखते है उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।

* तोहफा और विरासत में मिली चीज़ बेचने पर खुमस

सवाल: मेरे पास एक ज़मीन थी जो मेरे पिता ने तोहफ़े में दी थी। कुछ समय बाद मैंने वह ज़मीन बेच दी। क्या ज़मीन की बिक्री की रकम पर खुमस देना चाहिए?

जवाब: ज़मीन की असली कीमत (जो तोहफ़े में मिली थी) पर खुमस नहीं लगता। लेकिन अगर आपने ज़मीन को कीमत बढ़ने या खरीद-फरोख्त के लिए रखा था, तो जो बढ़ी हुई कीमत (मूल कीमत से ऊपर) है, उसे साल के आमदनी में गिना जाएगा। अगर यह बढ़ी हुई रकम साल के अंत तक आपके पास बची रहती है, तो उस पर खुमस देना जरूरी है। अगर बढ़ी हुई रकम खर्च हो जाती है या साल के अंत तक नहीं बचती, तो उस पर खुमस नहीं लगेगा।

संक्षेप मे: तोहफ़े में मिली ज़मीन की असली कीमत पर खुमस नहीं, लेकिन उसकी बढ़ी हुई कीमत पर खुमस देना पड़ सकता है अगर वह रकम साल के अंत तक आपके पास बची रहे।

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